जिसका अंतिम संस्कार ठीक से न किया गया हो, वह सौ साल तक स्टिक्स के किनारे भटकने पर विवश रहता था, इसके बाद ही कैरन उस पर दया कर उसे नदी पार कराता था।
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अस्सी के दशक में हुए एक सर्वेक्षण से यह सामने आया था कि भारत में करीब 7452 करोड़ लीटर अपशिष्ट जल प्रति दिन पैदा होता है, जो आज इससे कई गुना बढ़ गया है और अगर इस दूषित जल का उपचार ठीक से न किया गया तो यह बहुमूल्य भू-जल को भी विषैला बना देगा।